Written by Puja Kumari, (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)
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विषय सूची
आलू विश्व का एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे शाकाहारी व मांसाहारी हर तरह के व्यंजन में इस्तेमाल किया जाता है। यह सबसे आम सब्जी है, जिस वजह लोग इसके गुणों को नजरअंदाज कर देते हैं और आलू खाने के फायदों से अनजान रह जाते है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आलू खाने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं आलू के गुणों के बारे में।
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चलिए सबसे पहले जानते हैं आलू कितने प्रकार के होते हैं।
आलू के प्रकार – Types of Potato in Hindi
रंग और आकार के आधार पर आलू के कई प्रकार बाजार में दिख जाएंगे, जिनकी चर्चा हम नीचे क्रमवार तरीके से कर रहे हैं:
1. रसेट आलू : रसेट आलू छोटे, मध्यम और बड़े आकार का होता है और इनका रंग भूरा (त्वचा के रंग जैसा) होता है। यह खाने में स्वादिष्ट होता है और अमूमन सब्जी बनाने के लिए सबसे ज्यादा इसी का उपयोग किया जाता है। यह आलू का सबसे आम प्रकार होता है।
2. लाल आलू : यह आलू का एक अन्य प्रकार है, जो लाल रंग का होता है। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है, इसका इस्तेमाल सूप और सलाद बनाने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, इन्हें भूनकर भी खा सकते हैं।
3. सफेद आलू : यह आलू दिखने में सफेद रंग का होता है और खूबसूरत नजर आता है। खाने में यह भी लाजवाब होता है। इसे उबालकर या रोस्ट करके खा सकते हैं।
4. पीले आलू : नाम के अनुसार इस आलू का रंग पीला होता है। खासकर, मांसाहारी व्यंजनों में इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है। यह उन पकवानों के लिए खास है, जिन्हें ग्रिल या रोस्ट किया जाता है।
5. बैंगनी आलू : यह आलू का खास प्रकार है, जो बैंगनी रंग का होता है। आलू का यह प्रकार ग्रिलिंग, बेकिंग और रोस्टिंग के लिए एकदम सही हैं।
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आलू क्या है, जानने के बाद नीचे जानिए आलू के फायदों के बारे में।
आलू के फायदे – Benefits of Potato in Hindi
आलू की गिनती एक स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ में की जाती है। यह न सिर्फ पेट भरने का काम कर सकता है, बल्कि इसमें मौजूद औषधीय गुण शारीरिक तकलीफों को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इस पर हुए शोध से जानकारी मिलती है कि आलू ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के साथ-साथ शरीर में तरल पदार्थ को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, आलू त्वचा, बाल और आंखों के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है (1)।
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नीचे जानिए कि आलू के गुण किस प्रकार स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
सेहत के लिए आलू के फायदे – Health Benefits of Potato in Hindi
आलू का सेवन सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद माना जा सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आलू किसी भी प्रकार से किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन केवल उन बीमारियों लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार कर सकता है। अब आगे पढ़ें आलू के फायदे:
1. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य के लिए आलू फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल का स्तर हृदय को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है (4)। वहीं, आलू कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है (2)। यही नहीं, आलू विटामिन-बी और सी के अलावा ल्यूटिन व जेक्सैन्थिन जैसे कैरोटेनॉयड्स से भी समृद्ध होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (1)।
2. रक्तचाप के लिए
रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी आलू के रस के फायदे देखे जा सकते हैं। बता दें कि आलू पोटेशियम से समृद्ध होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। साथ ही, इससे जुड़े शोध में तो यह भी बताया गया है कि आलू का सेवन तनाव के कारण होने वाले हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मददगार हो सकता है(1)। इसके अवाला, आलू फाइबर से भी भरपूर होता है (2)। वहीं, फाइबर रक्तचाप से पीड़ित मरीजों में हाइपरटेंशन के प्रभाव को भी कम करने में कारगर माना जा सकता है (5)।
3. हड्डी स्वास्थ्य
आलू में हड्डियों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व कैल्शियम भी पाया जाता है (2)। हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है, जिसमें हड्डियां कमजोर और नाजुक होने लगती है। इसकी वजह से हड्डियों का विकास भी रुक सकता है और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है (6)।
वहीं, शारीरिक रूप से कमजोर होना और बहुत ज्यादा वजन कम होना भी ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग के पीछे अहम कारण हो सकता है (7)। इसके अलावा, आलू में मौजूद मैग्नीशियम की मात्रा हड्डियों के संरचनात्मक विकास (structural development) में मदद कर सकता है (8)।
4. कैंसर
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि आलू कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है और एक रिपोर्ट के अनुसार कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है (9)। हालांकि इसके लिए अभी भी और प्रमाण की आवश्यकता है। इसके अलावा, आलू को विटामिन-सी का अहम स्रोत माना गया है (2)। वहीं, एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी का उपयोग कैंसर थेरेपी के लिए किया जा सकता है (10)।
यही नहीं, कुछ आलू में फ्लेवोनोइड्स एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-ए (जैसे- जेक्सैन्थिन और कैरोटीन कैरोटीन) मौजूद होते हैं, जो कई प्रकार के कैंसर से बचा सकते हैं। साथ ही आलू में क्वेरसेटिन नामक एक कंपाउंड मौजूद होता है, जो एंटी कैंसर और एंटी ट्यूमर गुण प्रदर्शित कर सकता है (1)। ऐसे में कहा जा सकता है कि कैंसर के लिए आलू का उपयोग कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है।
5. पाचन
आलू के गुण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए भी देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि आलू फाइबर से समृद्ध होता है, जो पेट से जुड़ी समस्याओं पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है। यह पाचन को बढ़ावा दे सकता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने का काम कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट भी आहार को पचाने में मददगार माने जाते हैं (1)।
इसके अलावा, आलू विटामिन-बी समूह के नियासिन (विटामिन बी-3) तत्व से भी समृद्ध होता है। नियासिन पाचन तंत्र को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (11)। इतना ही नहीं आलू एक स्टार्च युक्त कार्बोहाइड्रेट है, ये आसानी से पच जाता है और तुरंत एनर्जी दे सकते हैं ।
6. किडनी स्टोन
किडनी स्टोन को बाहर निकालने में भी आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। आलू पोटेशियम का अच्छा स्रोत है और एक रिपोर्ट के अनुसार पोटेशियम की मदद से पथरी को ठीक किया जा सकता है (12)। इसके अलावा, आलू में मौजूद फाइबर भी किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में मेनोपॉज के बाद फाइबर का सेवन किडनी स्टोन के विरुद्ध सुरक्षात्मक भूमिका अदा कर सकता है (13)।
7. स्कर्वी
स्कर्वी मसूड़ों से संबंधित समस्या है, जो शरीर में विटामिन-सी की कमी के कारण होती है। विटामिन एक जरूरी पोषक तत्व है, जो शरीर में कोलेजन (त्वचा, रक्त धमनियों और कार्टिलेज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन) के निर्माण के लिए आवश्यक है (14)। आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो शरीर में विटामिन-सी कमी को पूरा कर स्कर्वी जैसे रोग से बचाने में मददगार हो सकते हैं (1)।
8. डायरिया
डायरिया की स्थिति में भी आलू फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, आलू में जिंक जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं (2)। वहीं, एक वैज्ञानिक रिसर्च में इस बात की पुष्टि मिलती है कि एक्यूट डायरिया को रोकने के लिए जिंक ओरल सप्लीमेंट का प्रयोग किया जा सकता है(15)। इसके अलावा, आलू में टैनिन, फ्लेवोनोइड और अल्कलॉइड सहित कई ऐसे कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो दस्त से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (16)।
यही नहीं, आलू सोडियम और पोटेशियम से भी भरपूर होता है, जो प्रभावी इलेक्ट्रोलाइट हैं (2)। ये डायरिया के दौरान शरीर में तरल को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं (17)।
9. करता है सूजन कम
आलू के फायदे यहीं खत्म नहीं होते। सूजन की स्थिति में शरीर को आराम देने के लिए भी आलू का प्रयोग किया जा सकता है। यहां आलू के छिलकों की भूमिका देखी जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आलू और आलू का छिलका दोनों एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो सूजन को कम करने का काम कर सकता है (18)।
10. मस्तिष्क स्वास्थ्य
आलू में अल्फा लिपोइक नामक एसिड मौजूद होता है, जो मस्तिष्क के विकास में योगदान दे सकता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, लिपोइक अल्जाइमर से पीड़ित मरीज में याददाश्त को बढ़ाने का काम कर सकता है (19)। इसके अलावा, आलू विटामिन-सी भी समृद्ध होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी न्यूरोट्रांसमीटर नामक एक खास ब्रेन केमिकल का उत्पादन करने का काम करता है (20)। न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करने का काम कर सकता है, जैसे मूड व नींद को नियंत्रित करने का काम आदि (21)।
11. रोग प्रतिरोधक क्षमता
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी आलू खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है (2)। वहीं, विटामिन-सी को एक कारगर इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में जाना जाता है। साथ ही यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को संचालित करने में एक अहम भूमिका निभा सकता है (22)। इसके अलावा, आलू फाइबर से समृद्ध होता है(2)। एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है (23)।
12. वजन को करता है नियंत्रित
वजन को कम करने में भी आलू लाभदायक हो सकता है। एक शोध से जानकारी मिलती है कि आलू में एंटी ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जो मोटापे की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं (24)। इसके अलावा, आलू फाइबर से समृद्ध होता है (2)। फाइबर वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (25)।
यही नहीं, वजन को नियंत्रित करने में विटामिन-सी भी कारगर हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, विटामिन सी और बॉडी मास के मध्य विपरीत संबंध है, यानी यह बढ़ते वजन पर काबू पाने में मदद कर सकता है (26)। वहीं, आलू विटामिन-सी से भरपूर होता है (2)। यह तो हम लेख में पहले ही बता चुके हैं।
वहीं, आलू एक ट्यूबर या कंद की श्रेणी में आता है। आलू की खासियत है कि इसे मोस्ट फिलिंग फूड की श्रेणी में रखा जाता है। यह लंबे समय तक पेट को भरे रख सकता है और भूख को नियंत्रित कर सकता है। इसके अलावा, वजन नियंत्रित करने के लिए आलू की भूमिका आलू को बनाने के तरीके पर भी निर्भर करता है। वजन नियंत्रित रखने के लिए आलू को स्टीम, बेक्ड या उबालकर खाना अच्छा विकल्प हो सकता है। वहीं, अगर आलू चिप्स, बर्गर, समोसा या फ्रेंच फ्राइज का सेवन करते हैं, तो इससे वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है।
13. कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल रक्त में पाया जाने वाला एक पदार्थ है। यह शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, लेकिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकती है (27)। आलू कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, यानी इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की चिंता किए बिना किया जा सकता है (2)।
14. नींद को बढ़ावा
आलू खाने के फायदे में नींद को बढ़ावा देना भी शामिल है। जैसा कि हमने बताया कि आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है(2)। विटामिन-सी न्यूरोट्रांसमीटर (ब्रेन केमिकल) का उत्पादन कर सकता है (20)। न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार कर मूड और नींद को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (21)। इसके अलावा, विटामिन-सी चिंता, तनाव, अवसाद व थकान को दूर करने का काम कर सकता है, जिससे नींद को बढ़ावा मिल सकता है (28)।
वहीं, एक अन्य रिसर्च पेपर में चैन की नींद लेने के लिए सोने से पहले एक उबले को दूध के साथ लेने की सलाह दी गई है। बताया जाता है कि आलू पेट में एसिड की क्रिया को रोक सकता है जो नींद में खलल डालता है (16)। इस आधार पर देखा जाए तो रात की नींद के लिए आलू का सेवन करना फायदेमंद माना जा सकता है।
15. महावारी के पूर्व लक्षण
प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कई लक्षणों का एक समूह है, जो किसी भी महिला को पीरियड्स की समस्या से एक या दो हफ्ते पहले हो सकता है। इसमें पेट में सूजन, सिरदर्द और मूड में बदलाव शामिल हैं (29)। महावारी से पहले नजर आने वाले इन लक्षणों से निजात पाने में आलू मददगार हो सकता है। यह कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से समृद्ध होता है (2)। एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर व कार्बोहाइड्रेट का सेवन महावारी के पूर्व के लक्षणों के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है (30)।
16. त्वचा के लिए
आंतरिक सेहत के साथ-साथ आलू त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है। नीचे जानिए त्वचा के लिए आलू के फायदों के बारे में।
1. झुर्रियों के लिए
बढ़ती उम्र के साथ कई समस्याएं अपने ही सामने आ जाती हैं, जिसमें झुर्रियां भी एक है। इन्हें हटाने के लिए आलू मददगार हो सकता है। दरअसल, आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है (2)। यह झुर्रियों को हटाकर एजिंग के प्रभाव को कम कर सकता है (31)। नीचे जानिए झुर्रियों के लिए किस प्रकार आलू को प्रयोग में ला सकते हैं :
उपयोग करने का तरीका :
एक आलू लें और उसे छिल लें।
अब मिक्सर की मदद से उसका पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाएं और बाद में ठंडे पानी से मुंह धो लें।
यह उपाय हफ्ते में तीन से चार बार कर सकते हैं।
2. काले धब्बे
त्वचा पर काले धब्बों के लिए से निजात पाने के लिए भी आलू को इस्तेमाल में ला सकते हैं (1)। दरअसल, आलू विटामिन-सी से भरपूर होता है (2)। वहीं, विटामिन-सी त्वचा की रंगत में सुधार कर डार्क स्पॉर्ट को कम करने में मदद कर सकता है (32)। इसका उपयोग नीचे दिए तरीके के अनुसार कर सकते हैं :
उपयोग करने का तरीका :
छिलके वाले आलू को ब्लेंडर में ब्लेंड करें।
पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और हल्के-हल्के हाथों से करीब 5 मिनट तक मालिश करें।
फिर अपने चेहरे को साफ और ठंडे पानी से धोएं।
बेहतर परिणाम के लिए इसे रोज प्रयोग कर सकते हैं।
3. सनबर्न
सनबर्न जैसी स्थितियों के लिए भी आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने बताया कि आलू विटामिन-सी से भरपूर होता है (2)। एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-सी सूर्य की हानिकारक किरणों से होने वाली एरिथेमा (त्वचा का लाल होना) जैसी समस्या को 52 प्रतिशत तक कम कर सकता है (32)। नीचे जानिए सनबर्न के लिए कैसे करें आलू का प्रयोग :
उपयोग करने का तरीका :
आलू को थोड़ी देर फ्रिज में रखें।
ठंडा होने पर आलू को काटें और उसकी एक स्लाइस प्रभावित जगह पर 15-20 मिनट के लिए लगाएं।
आलू का ठंडा रस भी सनबर्न से प्रभावित त्वचा पर लगा सकते हैं।
4. डार्क सर्कल और सूजी आंखें
आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल को हटाने में आलू मदद कर सकता है (1)। बता दें कि आलू विटामिन-ई और सी से समृद्ध होता है (2)। ये दोनों कारगर एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं, जो त्वचा को डार्क सर्कल से निजात दिलाने का काम कर सकते हैं (33)। इसके अलावा, आलू एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी समृद्ध होता है, जो आंखों की सूजन को कम करने का काम कर सकता है (18)।
उपयोग करने का तरीका :
एक आलू को छीलकर टुकड़ों में काट लें।
फिर इन टुकड़ों को आंखों के नीचे काले घेरों पर रखें।
बाद में चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
बेहतर परिणाम के लिए रोजाना यह उपाय कर सकते हैं।
5. सूखी त्वचा
सूखी त्वचा को मुलायम बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है (1)। दरअसल,आलू विटामिन-ई से समृद्ध होता है (2)। वहीं, एक रिसर्च पेपर की मानें तो विटामिन-ई त्वचा को हाइड्रेट करने का काम कर सकता है (34)। नीचे जानिए सूखी त्वचा के लिए कैसे करें आलू का प्रयोग –
उपयोग करने का तरीका :
आधे आलू को कद्दूकस करें और चार चम्मच दही के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं।
अब पेस्ट को लगभग 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और बाद में हल्के ठंडे पानी से धो लें।
6. चमकती त्वचा के लिए त्वचा को चमकदार बनाने में आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, आलू को एक प्राकृतिक स्किन लाइटनिंग एजेंट के रूप में जाना जाता है (1)। साथ ही आलू में विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (2)। यह त्वचा को चमकदार बनाने का काम कर सकते हैं (32)। नीचे जानिए त्वचा की चमक के लिए कैसे करें आलू का इस्तेमाल –
त्वचा को चमकदार बनाने में आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, आलू में ब्यूटी एजेंट प्रभाव मौजूद होते हैं, जिसे नियमित रूप से लगाने से त्वचा चमकदार और कोमल बनती है। इसके साथ ही झुर्रियों से भी छुटकारा पाने में लाभकारी हो सकता है (1)। नीचे जानिए त्वचा की चमक के लिए कैसे करें आलू का इस्तेमाल –
उपयोग करने का तरीका :
एक कच्चे आलू को कद्दूकस करें और फेस मास्क की तरह अपने चेहरे पर लगाएं।
लगभग 30 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।
अच्छे परिणाम के लिए हफ्ते में चार से पांच बार इस उपाय कर सकते हैं।
7. एक्सफोलिएट
त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने में भी आलू मदद कर सकता है। बताया जाता है कि कच्चे आलू में मौजूद कुछ एंजाइम, विटामिन सी और स्टार्च त्वचा के ऊतकों को पोषण देने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, आलू के रस में मौजूद एल्कलाइन प्रभाव त्वचा का चमक बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं। साथ ही इसका एसिडिक स्वभाव पुरानी त्वचा को हटाने में मदद कर सकता है (16)।
उपयोग करने का तरीका :
एक आलू को कद्दूकस करें और चेहरे पर लगाएं।
लगभग 20 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें।
नियमित रूप से किया गया यह उपाय त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करेगा।
8. कोलेजन
त्वचा स्वास्थ्य के लिए कोलेजन महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जिसकी पूर्ति आलू के माध्यम से कर सकते हैं। आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है (2)। जबकि और विटामिन सी कोलेजन को बढ़ाने का काम करने में मददगार हो सकता है (35)।
17. बालों के लिए
आंतरिक स्वास्थ्य और त्वचा के साथ-साथ आलू बालों के लिए भी फायदेमंद माना जा सकता है। एक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि बालों को प्राकृतिक तौर पर हेल्दी बनाए रखने के लिए आलू मददगार हो सकता है। साथ ही बालों के विकास में भी बढ़ावा मिलने में कारगर है (1)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि आलू का उपयोग बालों के लिए गुणकारी हो सकता है। नीचे जानिए बालों के लिए किस प्रकार करें आलू का इस्तेमाल।
उपयोग करने का तरीका :
आलू को छीलकर उसका रस निकाल लें।
फिर 2 बड़े चम्मच आलू के रस को 2 बड़े चम्मच एलोवेरा और 2 बड़े चम्मच शहद के साथ मिलाएं।
इस मिश्रण को बालों की जड़ों पर लगाएं और अपने स्कैल्प पर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
फिर बालों को शॉवर कैप से ढक लें और कुछ घंटों के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
अब अंत में बालों को शैंपू से धो लें।
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सेहत, त्वचा और बालों के लिए आलू खाने के फायदे जानने के बाद नीचे जानिए आलू में मौजूद पौष्टिक तत्व।
आलू के पौष्टिक तत्व – Potato Nutritional Value in Hindi
यह तो आप अब तक जान ही गए होंगे कि आलू में कुछ खास पोषक तत्व होते हैं। नीचे हम लेख में आलू में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही उनकी मात्रा के बारे में भी बताएंगे (2)।
पोषक तत्व
मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी
79.2 ग्राम
ऊर्जा
77 किलो कैलोरी
प्रोटीन
2.05 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट
17.5 ग्राम
कुल लिपिड (वसा)
0.09 ग्राम
फाइबर, कुल डाइटरी
2.1 ग्राम
शुगर, कुल
0.82 ग्राम
स्टार्च
15.3 ग्राम
कैल्शियम
12 मिलीग्राम
आयरन
0.81 मिलीग्राम
मैग्नीशियम
23 मिलीग्राम
फास्फोरस
57 मिलीग्राम
पोटेशियम
425 मिलीग्राम
सोडियम
6 मिलीग्राम
जिंक
0.3 मिलीग्राम
कॉपर
0.11 मिलीग्राम
मैंगनीज
0.153 मिलीग्राम
सेलेनियम
0.4 माइक्रोग्राम
विटामिन सी
19.7 मिलीग्राम
थियामिन
0.081 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन
0.032 मिलीग्राम
नियासिन
1.06 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड
0.295 मिलीग्राम
विटामिन बी-6
0.298 मिलीग्राम
फोलेट, डीएफई
15 माइक्रोग्राम
कोलीन
12.1 मिलीग्राम
बीटेन
0.2 मिलीग्राम
विटामिन ए IU
2IU
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल)
0.01 मिलीग्राम
विटामिन-के (फिलोक्विनोन)
2.0 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड
0.025 ग्राम
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड
0.002 ग्राम
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड
0.042 ग्राम
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आलू के फायदे जानने के बाद चलिए जान लेते हैं कि आलू का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।
आलू का उपयोग – How to Use Potato in Hindi
आलू की खासियत यह है कि इसका इस्तेमाल विभिन्न रूपों में किया जा सकता है। नीचे जानिए आलू की कुछ बेहतरीन रेसिपी, जिसे अपने घर में ट्राई कर सकते हैं।
1. रोस्टेड रेनबो पोटेटो
सामग्री :
चार-पांच मध्यम आकार के आलू
दो लहसुन की कलियां कुचली हुई
चो बड़े चम्मच जैतून का तेल
एक नींबू का रस
एक चम्मच बारीक कटा हुआ हरा धनिया
नमक स्वादानुसार
बनाने की विधि :
425 डिग्री फारेनहाइट पर ओवन को प्रीहीट करें।
एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल कर बेकिंग शीट लगाएं।
आलू को साफ करें और आधा करके एक कटोरे में रखें।
इन आलुओं पर नींबू का रस, जैतून का तेल, कुचल हुआ लहसुन व नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
अब आलुओं को बेकिंग शीट पर एक-एक कर लगाएं और 15 मिनट के लिए बेक करें।
15 मिनट के बाद आलुओं को पलट दें और 10 मिनट के लिए फिर से बेक करें।
अब बेक किए हुए आलुओं को निकालें, प्लेट में सर्व करें और गार्निशिंग के लिए ऊपर से हरे धनिए का छिड़काव करें।
2. आलू मटर
सामग्री :
तीन बड़े चम्मच वनस्पति तेल
दो प्याज कटे हुए
तीन लहसुन की कलियां बारीक कटी हुई
एक चम्मच ताजा अदरक बारीक कटा हुआ
एक तेज पत्ता
चार बड़े आलू (साफ, छिले और कटे हुए)
एक कप ताजे या फ्रोजन मटर
दो बड़े चम्मच पानी
आधा चम्मच गरम मसाला
चुटकी भर हल्दी
आधा चम्मच धनिया पाउडर
आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
दो चम्मच हरा धनिया कटा हुआ
नमक और काली मिर्च स्वादानुसार
बनाने की विधि :
कड़ाही में तेल गर्म करें और प्याज, लहसुन, अदरक व तेज पत्ता डालें और तीन से पांच मिनट तक चलाएं, जब तक कि प्याज नरम न हो जाएं।
अब कटे हुए टमाटर को डालें और तीन-चार मिनट के लिए पकाएं।
अब आलू और मटर डालें और अच्छी तरह चम्मच चलाएं।
ऊपर से गरम मसाला, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी व धनिया पाउडर डालें और चार से पांच मिनट के लिए अच्छी तरह चम्मच चलाएं। ध्यान रखें कि सामग्री जले नहीं।
अब दो कप पानी डालें और लगभग 15 मिनट के लिए पकाएं, जब तक कि आलू नरम न हो जाएं।
स्वाद के लिए नमक और काली मिर्च पाउडर डालें।
आलू और मटर पक चुके हैं, यह सुनिश्चित करने के बाद कढ़ाई को उतार लें और गार्निशिंग के लिए ऊपर से हरे धनिए का छिड़काव करें।
पढ़ते रहें लेख
आलू के फायदे और उपयोग के तरीकों के बाद अब जान लीजिए इसका चयन और स्टोर किस प्रकार किया जाए।
आलू का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
आलू का चयन करते वक्त कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, जिसके बारे में हम बताने जा रहे हैं।
चयन : सब्जियों की दुकान पर प्लास्टिक की थैलियों में बिकने वाले आलू लेने की जगह थोक पर बिकने वाले आलुओं का चयन कर सकते हैं। यहां अपनी मर्जी से अच्छे आलुओं को चुन सकते हैं। आलू खरीदते वक्त नीचे बताए जा रहे सुझावों का जरूर पालन करें।
चिकनी और मुलायम त्वचा वाले आलुओं का चयन करें।
धब्बेदार, काले दाग व ज्यादा नरम आलुओं से बचें।
हरे धब्बे वाले आलुओं से बचें।
अंकुरित आलुओं का चयन न करें।
अगर ज्यादा मात्रा में आलू खरीद रहे हैं, तो यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि इसमें कोई आलू सड़ा न हो, क्योंकि इससे दूसरे आलू भी खराब हो सकते हैं।
स्टोर करने का तरीका:
आलू को ठीक से स्टोर करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
आलूओं को 40 डिग्री फारेनहाइट से 45 डिग्री फारेनहाइट के तापमान पर अंधेरे, सूखे और हवादार स्थान पर स्टोर किया जाना चाहिए। कमरे का उच्च तापमान आलुओं की पूरी नमी सोख सकता है।
आलूओं को सूरज की रोशनी से बचा कर रखें।
आलूओं को प्याज के साथ न रखें इससे दोनों सब्जियों खराब हो सकती है।
आलू को पेपर बैग में स्टोर कर सकते हैं।
नमी से बचाकर कमरे के सामान्य तापमान पर आलुओं को एक-दो हफ्ते तक स्टोर किया जा सकता है।
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